Table of Contents
X पर @Zoya_ai द्वारा शेयर किया गया एक वीडियो
तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक AI द्वारा पूरी तरह से बनाया गया कार शो दिखाया गया है।
सिर्फ 90 घंटे पहले लॉन्च हुआ Google Veo 3 अब दुनिया को दिखा रहा है कि AI और रियलिटी के बीच की लाइन कितनी धुंधली हो सकती है।
हर चीज़ फेक — फिर भी सब कुछ रियल जैसा
Hungarian क्रिएटर László Gaál ने Google Veo 3 और DeepMind की मदद से:
- एक पूरा कार शो बनाया
- जिसमें गाड़ियाँ, इंटरव्यू, कैमरा एंगल, यहां तक कि आवाजें भी पूरी तरह फेक थीं
- लेकिन देखने में बिल्कुल रियल टीवी शो जैसा लगा
क्या AI वीडियो अब रियल वीडियो से बेहतर दिखते हैं?
Veo 3 जैसे टूल्स अब इतने उन्नत हो चुके हैं कि –
- वे लाइफ-लाइक बैकग्राउंड, कैमरा मुवमेंट और मानव जैसी आवाजें बना सकते हैं
- स्क्रिप्ट से लेकर संपादन तक सब कुछ ऑटोमैटिक होता है
- किसी भी क्रिएटर के लिए “रियल” दिखने वाला कंटेंट बनाना अब मिनटों की बात है
क्या हम अब भरोसा कर सकते हैं किसी वीडियो पर?
Veo 3 जैसे टूल्स के आने से ये सवाल ज़रूरी हो गया है –
- क्या हम जो देख रहे हैं वो असली है या AI द्वारा बनाया गया?
- क्या न्यूज़ इंटरव्यू, टीवी एड्स, या सोशल मीडिया वीडियो
- अब भरोसे लायक रहेंगे?
AI मीडिया का भविष्य: रचनात्मकता या धोखा?
- Content Creation में क्रांति: अब बिना स्टूडियो, बिना कैमरे — हाई-क्वालिटी वीडियो संभव
- मीडिया इंडस्ट्री में चुनौती: पारंपरिक फिल्म मेकर्स और एडवर्टाइजर्स के लिए नया खतरा
- Deepfake की बढ़ती समस्या: गलत जानकारी फैलाने में आसान हो सकता है इस्तेमाल
- AI Ethics पर ज़ोर: रेगुलेशन और ट्रांसपेरेंसी अब जरूरी
निष्कर्ष: असली और नकली का फर्क अब केवल आंखों से नहीं होगा!
Google Veo 3 और DeepMind जैसे AI टूल्स दिखा रहे हैं कि भविष्य में वीडियो, इंटरव्यू और टीवी शो कैसे बनेंगे – शायद स्क्रीन पर चल रही चीज़ें असली नहीं, AI की कल्पना होंगी। इसलिए अब जरूरी है कि हम क्रिटिकल थिंकिंग के साथ मीडिया को देखें, और AI Generated Content को सही तरीके से पहचानें।
Source //
Read Also//