HDFC Bank News: CEO पर धोखाधड़ी के आरोप और RBI दर कट का असर

आज HDFC Bank की खबरें चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि पहले CEO सशिधर जगदीशन पर धोखाधड़ी का आरोप लगा और फिर RBI के दर कट के बाद बैंक ने ब्याज दरों में कमी की घोषणा की। साथ ही, शेयरों में तेजी आना और नेशनल गार्ड जुड़ने जैसे अपडेट्स भी सामने आए हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि इन सभी घटनाओं के बीच HDFC Bank की स्थिति कैसी बनी हुई है।

आज सुबह खबर आई कि Lilavati Kirtilal Mehta Medical Trust ने बैंक के CEO सशिधर जगदीशन पर ₹2.05 करोड़ के वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। आरोपों में कहा गया है कि यह रकम Tr. के एक पूर्व सदस्य द्वारा ट्रस्ट के सदस्य के पिता को परेशान करने के लिए दी गई थी। इसके जवाब में HDFC Bank ने इसे “बिना सबूत और दुर्भावनापूर्ण” बताया है और बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी ताकि CEO की प्रतिष्ठा बच सके। Allegations के बाद शेयर बाजार में भी हलचल मची और निवेशकों की नजरें बैंक पर टिक गईं—जिसका असर शेयर प्राइस पर पड़ा ।

इतना ही नहीं, RBI ने रेपो रेट में 50 बेसपॉइंट कट किया और CRR में भी उच्च कटौती की घोषणा की जिससे बैंकिंग सेक्टर में तरलता बढ़ गई। इसके जवाब में HDFC Bank ने lending रेट्स में 10 बेसपॉइंट की कमी की—जिसका लाभ ग्राहक, व्यावसायिक खाताधारक और कर्ज़दाताओं को मिलेगा । यह कदम उनकी ब्याज दरों को किफायती बनाता है और EMIs को कम कर सकता है।

शेयर बाजार में भी HDFC Bank के स्टॉक ने मजबूत प्रदर्शन किया। हाल के दिनों में share price ने 52 सप्ताह का नया हाई छूआ, जो अपने आप में यह संकेत है कि निवेशक अभी भी बैंक में विश्वास बनाए हुए हैं। 6 जून को शेयर ₹1,996.30 तक पहुंचा और 9 जून तक ₹1,978.70 पर बंद हुआ ।

ये घटनाएँ सिर्फ अकादमिक नहीं हैं – इनमें HDFC Bank के संचालन, वित्तीय स्थिरता और कॉर्पोरेट गवर्नेंस से जुड़ी गहरी चुनौतियाँ हैं। CEO पर लग रहे आरोप अगर साबित हुए तो बैंक को बड़े स्तर पर कानूनी, साख व नियामक जोखिम उठाना पड़ सकता है। दूसरी ओर, RBI की दर कटौती की वजह से बैंक को lending volumes में लाभ हो सकता है।

इस बीच, निवेशक और ग्राहक दोनों ही HDFC के इर्द-गिर्द हो रही राजनीतिक-संबंधित चुनौतियों और बाजार के अवसरों पर करीबी निगाह रख रहे हैं। HDFC की नई रणनीतियाँ—जैसे legal action की घोषणा और lending rates में कटौती—उसकी स्थिति को स्थिर और ग्राहकों को लाभ पहुंचाने में मदद करेंगी, लेकिन CEO विवाद की कहानी अभी बाकी है।

जब एक तरफ बैंक की स्थिति मजबूत दिख रही है, तो दूसरी ओर कोर जमीन पर स्थायित्व बहुत कुछ CEO और उनके नेतृत्व की क्षमता पर निर्भर करेगा। आने वाले सप्ताह में हमें यह ध्यान रखना होगा कि क्या CEO पर आरोप कोर्ट में खेले जाते हैं या बैंक कुछ सहूलियतों के साथ आगे बढ़ता है।

Read More

Akshay Barman

chalrahahai.com एक ऐसी वेबसाइट है जहाँ हम ज़िंदगी से जुड़ी बातें, कहानियाँ और अनुभव शेयर करते हैं। हमारा मकसद है लोगों को जानकारी देना, कुछ नया सिखाना और एक पॉज़िटिव सोच फैलाना।

View all posts by Akshay Barman

Leave a Comment