दुनिया की मशहूर टेक्नोलॉजी कंपनी IBM ने एक नई क्रांति की शुरुआत कर दी है। उन्होंने हाल ही में एक ऐसा कंप्यूटर बनाने की घोषणा की है जो आने वाले सालों में पूरी दुनिया की तकनीक को बदल सकता है। इस कंप्यूटर का नाम है IBM Quantum Starling। यह कोई आम कंप्यूटर नहीं होगा, बल्कि एक ऐसा क्वांटम कंप्यूटर होगा जो 200 लॉजिकल क्यूबिट्स पर काम करेगा। IBM ने कहा है कि यह कंप्यूटर साल “2029” तक तैयार हो जाएगा।
आज के समय में जितने भी क्वांटम कंप्यूटर हैं, वे अभी तक पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं हैं क्योंकि उनमें एरर यानी गलती की संभावना बहुत होती है। लेकिन IBM का यह Quantum Starling उन सभी कमियों को दूर करने के लिए बनाया जा रहा है। इसमें एक नई टेक्निक इस्तेमाल हो रही है जिसे “Bivariate Bicycle Codes” कहा जाता है। यह कोडिंग तरीका 2024 में IBM के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च पेपर में दुनिया के सामने रखा था। इसकी मदद से कंप्यूटर की गलतियाँ बहुत कम हो जाती हैं और यह तरीका पुराने तरीकों से 5 से 10 गुना ज्यादा असरदार है।
IBM का दावा है कि Quantum Starling नाम का यह कंप्यूटर आज के कंप्यूटरों की तुलना में 20,000 गुना ज़्यादा ऑपरेशन कर सकेगा। इसका मतलब है कि यह कंप्यूटर उन कामों को भी बहुत तेजी से कर पाएगा, जिनमें आज बहुत समय लगता है। दूसरी कंपनियाँ जैसे कि IonQ भी क्वांटम कंप्यूटर बना रही हैं और उनका टारगेट 2029 तक “8,000 लॉजिकल क्यूबिट्स” तक पहुँचना है, लेकिन IBM का फोकस क्वांटम एरर करेक्शन यानी गलती कम करने वाली टेक्नोलॉजी पर है, जो उन्हें आगे ले जा सकती है।
IBM ने अपने आने वाले प्लान भी शेयर किए हैं। 2025 तक वे एक नया क्वांटम चिप भी लॉन्च करने वाले हैं, जिसका नाम होगा Quantum Loon। यह IBM के क्वांटम रोडमैप का एक अहम हिस्सा है और यह दिखाता है कि वे बहुत तेजी से क्वांटम कंप्यूटिंग को आम दुनिया में लाने की तैयारी कर रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि जब इतने पावरफुल कंप्यूटर आ जाएंगे, तो आज के सिक्योरिटी सिस्टम्स यानी एन्क्रिप्शन कितने सुरक्षित रहेंगे? क्योंकि क्वांटम कंप्यूटर इतने ताकतवर होते हैं कि वे आज के पासवर्ड और डेटा प्रोटेक्शन को तोड़ सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए दुनिया अब Post-Quantum Cryptography की तरफ बढ़ रही है। NIST (National Institute of Standards and Technology) ने 2022 में छह ऐसे एल्गोरिद्म की पहचान की थी जो इन खतरों से निपट सकते हैं।
IBM ने इस दिशा में भी कदम उठाए हैं। वे QANplatform नाम की कंपनी के साथ मिलकर Quantum-Resistant Blockchain बना रहे हैं। इसका मतलब है कि आने वाले समय में ब्लॉकचेन तकनीक को भी क्वांटम सुरक्षित बनाया जाएगा, जिससे बैंकिंग, हेल्थकेयर, और गवर्नमेंट डेटा सेफ रहेगा।
कुल मिलाकर कहा जाए तो IBM Quantum Starling सिर्फ एक नया कंप्यूटर नहीं है, बल्कि यह एक नई तकनीकी दुनिया की शुरुआत है। यह हमें यह दिखाता है कि आने वाला समय कितना तेज़, स्मार्ट और सुरक्षित होने वाला है। और सबसे खास बात – अब वो समय दूर नहीं जब क्वांटम कंप्यूटर हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन जाएंगे।
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