भारत में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। हाल ही में एक वायरल X पोस्ट (पहले ट्विटर) में बताया गया कि सिर्फ दो हफ्तों में एक्टिव मामलों की संख्या 257 से बढ़कर 2,710 हो गई है। ये आंकड़े 31 मई 2025 तक के हैं। वहीं 1 जून तक यह संख्या 3,395 तक पहुंच गई, और अब तक 26 मौतें भी दर्ज की जा चुकी हैं। ये आंकड़े धीरे-धीरे फिर से लोगों के बीच डर और चिंता बढ़ा रहे हैं।
इन मामलों में सबसे ज्यादा केस केरल से सामने आए हैं, जहां 1,147 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 424 केस मिले हैं। बाकी राज्यों में भी धीरे-धीरे संक्रमण बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। इस बार जो नया नाम सामने आया है वह है NB.1.8.1 वेरिएंट, जो कि ओमिक्रॉन का एक नया सबवेरिएंट बताया जा रहा है। इसकी खासियत यह है कि यह पहले से संक्रमित या वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी चपेट में ले सकता है। WHO ने इस वेरिएंट को “Variant Under Monitoring” की कैटेगरी में रखा है, यानी इस पर नजर रखना जरूरी है क्योंकि इसमें कुछ नए जेनेटिक बदलाव दिखे हैं।
30 मई 2025 को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, यह वेरिएंट भारत समेत दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है और इसमें immune evasion की क्षमता भी पाई गई है। यानी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसे पहचानने और रोकने में कमजोर साबित हो सकती है। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स अब इस पर नजर बनाए हुए हैं।
सबसे हैरानी की बात यह है कि इतने तेजी से बढ़ते मामलों के बावजूद मेनस्ट्रीम मीडिया में इस पर कोई खास कवरेज नहीं हो रही है। यही सवाल X पर किए गए उस पोस्ट में भी उठा है, और कई यूज़र्स ने अपनी नाराज़गी जताई है कि क्या अब हम कोरोना को लेकर पूरी तरह लापरवाह हो चुके हैं?
Ministry of Health and Family Welfare के डेटा के अनुसार, अभी तक हॉस्पिटल में एडमिशन और ICU में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है, लेकिन अगर ट्रेंड यही रहा तो आने वाले हफ्तों में हेल्थ सिस्टम पर दबाव बढ़ सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स और एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह उछाल सिर्फ NB.1.8.1 की वजह से नहीं, बल्कि एक और संभावित वेरिएंट XFP के कारण हो सकता है, हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
फिलहाल सरकार की ओर से कोई नया अलर्ट या गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, लेकिन सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। मास्क पहनना, हाथ धोना, लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाना और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना अब भी जरूरी है। खासतौर पर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
इस समय का सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ये एक और लहर की शुरुआत है? या फिर यह सिर्फ एक अस्थायी उछाल है? जो भी हो, सतर्कता और जागरूकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। हमें इस बार भी वही गलती नहीं दोहरानी चाहिए जो पिछली लहरों में की गई थी। कोरोना भले ही कमजोर पड़ गया हो, लेकिन गया नहीं है।
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