अमेरिका ने ईरान के फ़ोर्डो न्यूक्लियर साइट पर चलाया 30,000-पाउंड बम? जानिए सच्चाई

21 जून 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर Vince Langman द्वारा किया गया एक पोस्ट चर्चा में आ गया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के Fordow परमाणु संयंत्र पर GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP) का इस्तेमाल किया है — यह एक 30,000-पाउंड वज़नी बंकर बस्टर बम है, जिसे विशेष रूप से गहराई में बने लक्ष्य को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस बम को लेकर वाशिंगटन पोस्ट और Wikipedia जैसे स्रोतों में दर्ज है कि यह B-2 स्टील्थ बॉम्बर से गिराया जाता है और ज़मीन के कई मीटर नीचे तक घुसकर विस्फोट करता है

जिस साइट को निशाना बनाया गया बताया जा रहा है, वो है Fordow Fuel Enrichment Plant, जो ईरान के क़ोम शहर के पास ज़मीन से करीब 80 मीटर नीचे स्थित है। यहां Advanced Centrifuge Cascades तकनीक से यूरेनियम संवर्धन होता है।

इतनी गहराई और सुरक्षात्मक संरचना के चलते Fordow जैसे ठिकाने को पारंपरिक बमों से तबाह करना लगभग असंभव माना जाता है। यही कारण है कि GBU-57 जैसे बम की चर्चा शुरू हुई।

हालांकि, अभी तक कोई भी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है कि अमेरिका ने वाकई इस तरह का हमला किया है। न ही अमेरिकी सेना और न ही कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी जैसे IAEA या संयुक्त राष्ट्र ने इसे सत्यापित किया है।

दूसरी ओर, Reuters की एक रिपोर्ट के अनुसार ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करता है, तो परिणाम “अप्रत्याशित और अपूरणीय” होंगे।

यह सब कुछ उस बड़े भू-राजनीतिक तनाव का हिस्सा है, जो लंबे समय से अमेरिका और ईरान के बीच बना हुआ है — खासकर ट्रंप प्रशासन के दौर से जब उन्होंने 2011 में कहा था कि “ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिलना चाहिए।” और 2025 में भी अमेरिकी व्हाइट हाउस ने इस नीति को दोहराया है।

इस समय कई मीडिया रिपोर्ट्स और ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस में भी Fordow के आसपास गतिविधियों की निगरानी चल रही है, लेकिन अब तक कोई सैटेलाइट इमेज या ज़मीनी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है जो इस हमले की पुष्टि कर सके।

GBU-57 बंकर बस्टर बम की तकनीकी क्षमता Fordow जैसे न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है। लेकिन जब तक किसी स्वतंत्र और भरोसेमंद संस्था द्वारा इस हमले की पुष्टि नहीं होती, तब तक इसे सावधानीपूर्वक अफवाह या सैन्य दबाव रणनीति के तौर पर ही देखना चाहिए।

Read Alsoईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला? ट्रंप की नीतियों के बीच उठे सवाल

Akshay Barman

chalrahahai.com एक ऐसी वेबसाइट है जहाँ हम ज़िंदगी से जुड़ी बातें, कहानियाँ और अनुभव शेयर करते हैं। हमारा मकसद है लोगों को जानकारी देना, कुछ नया सिखाना और एक पॉज़िटिव सोच फैलाना।

View all posts by Akshay Barman

Leave a Comment