ईरान का इज़रायल पर मिसाइल हमला: किर्या सैन्य बेस तबाह, टकराव युद्ध की कगार पर

ईरान और इज़रायल के बीच का टकराव अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। हाल ही में टेल अवीव में हुए जबरदस्त मिसाइल हमले ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। बताया जा रहा है कि यह हमला ईरान की ओर से इज़रायल के किर्या सैन्य परिसर को टारगेट कर किया गया, जो कि इज़रायली सेना और रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय है। यह वही जगह है जिसे इज़रायल का ‘पेंटागन‘ कहा जाता है। न्यूयॉर्क टाइम्स और फॉक्स न्यूज़ समेत कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इस खबर की पुष्टि की है। घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें साफ तौर पर धमाकों की आवाज़ें, आग की लपटें और मिसाइलों की बारिश देखी जा सकती है।

यह हमला इज़रायल के उस बड़े सैन्य ऑपरेशन के बाद हुआ है जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” कहा जा रहा है। इज़रायल ने हाल ही में ईरान के नतांज़ परमाणु प्लांट सहित कई अहम ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। उस ऑपरेशन में IRGC यानी ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए थे। जवाब में ईरान ने टेल अवीव पर यह मिसाइल अटैक किया, जो कि अब तक के सबसे खतरनाक जवाबी हमलों में से एक माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने एक साथ कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से कुछ को इज़रायल के ‘Iron Dome’ सिस्टम ने रोकने की कोशिश की, लेकिन इस बार सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकी।

हमले के बाद टेल अवीव में अफरातफरी का माहौल है। कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं और वहां आग की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किर्या कंपाउंड के पास बनी एक इमारत पर भी सीधा हमला हुआ है, जिससे भारी नुकसान हुआ है। इज़रायल की ओर से कहा गया है कि वह इस हमले का कड़ा जवाब देगा। वहीं ईरान ने भी चेतावनी दी है कि अगर इज़रायल ने और हमले किए, तो तेहरान खुद निशाने पर आ जाएगा। ये बयान बताता है कि यह संघर्ष अब सीधे युद्ध की ओर बढ़ रहा है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना को लेकर चिंता जताई जा रही है। अमेरिका ने इज़रायल को तकनीकी और इंटेलिजेंस सहयोग देने की बात कही है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा कि हमले का जवाब बहुत जल्द और पूरी ताकत के साथ दिया जाएगा। वहीं, विश्लेषकों का मानना है कि इस स्थिति के और बिगड़ने पर पश्चिम एशिया में बड़ा सैन्य संघर्ष छिड़ सकता है, जिसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता पर पड़ेगा।

इस पूरी घटना की गंभीरता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि तेल अवीव में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में ही रोकना पड़ा, क्योंकि पास के इलाके में धमाकों की आवाजें आ रही थीं। इज़रायली रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हमले के समय 3 अलग-अलग दिशाओं से मिसाइलें आ रही थीं, और Iron Dome उन सभी को नहीं रोक पाया। इससे यह साफ होता है कि ईरान की रणनीति बहुत ही मजबूत और अचूक थी।

इस घटनाक्रम ने वैश्विक राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। गूगल डिस्कवर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यह खबर तेजी से वायरल हो रही है क्योंकि यह विषय न केवल हाईली ट्रेंडिंग है, बल्कि इसमें विसुअल कंटेंट, रणनीतिक पृष्ठभूमि और ग्लोबल इंपैक्ट जैसे सभी ज़रूरी एलिमेंट्स मौजूद हैं। आने वाले दिनों में यह देखना बेहद अहम होगा कि क्या यह संघर्ष और तेज़ होता है या कूटनीतिक स्तर पर कोई समाधान निकलता है। लेकिन फिलहाल के लिए यह तय है कि ईरान और इज़रायल के बीच का यह संघर्ष अब किसी भी समय एक खुले युद्ध में बदल सकता है।

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Akshay Barman

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