14 जून से भयंकर इजराइली मिसाइल हमलों के बीच इरान ने 15 जून 2025 को अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट के ज़रिए एक वीडियो साझा किया, जिसमें उसकी विशाल और स्वचालित अंडरग्राउंड मिसाइल बेस की झलक दिखाई गई। इस वीडियो में किलेबंद टनल्स, भूमिगत साइलो और रेलवे प्रणाली से जुड़े Missiles का जखीरा दिखाया गया है, जो लड़ाकू तैयारियों को तेज़ी से लॉन्च करने में सक्षम है।
इस रणनीति के पीछे दो मुख्य उद्देश्य हैं: पहला, एक मजबूत रक्षा संकेत देना और असमय हमलों का जवाब तैयार रखना; दूसरा, दिखाना कि इरान की मिसाइल उत्पादन तथा डिज़ाइन में आत्मनिर्भरता स्पष्ट है। इराक, सीरिया या पूर्व सोवियत देशों की तुलना में, अब इरान खुद अपनी मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलें बना रहा है।
अंडरग्राउंड बेस में दिखाई गई ऑफ़िसियल टनल्स में Emad, Ghadr-H, Sejil, Khaibar Shekan, और Paveh जैसे मिसाइल मशीनों को बार-बार रिलीफ पर ले जाने के लिए स्वचालित रेलवे सिस्टम शामिल है। यह सिस्टम विशेष रूप से इसे क्षणभंगुर लॉन्चर से आगे “मल्टी-शॉट” प्लेटफॉर्म में बदल देता है, जिसमें समय औऱ ऊर्जा की बचत होती है और मिसाइल का बैक टू बैक लॉन्च संभव होता है।
लेकिन इस खुलासे से सुरक्षा विश्लेषकों ने ये भी कहा कि जमीन पर ऐसे खुल्ले कोर्टयार्ड और कोई ब्लास्ट डोर्स नहीं होने से, अगर किसी हमले में इन बेसों में सेंध लगी, तो खतरनाक “सेकेंडरी विस्फोटों” की संभावना बढ़ जाती है – जैसा कि 2016 से पहले के रोलआउट में देखा गया था ।
वीडियो में ब्रिगेडियर जनरल Mohammad Bagheri (अरम्ड फोर्सेस चीफ) और Amir Ali Hajizadeh (IRGC Aerospace Force कमांडर) नीचे टनल्स में घूमकर मिसाइल कालिब्रेशन और लॉजिस्टिक डिस्प्ले की जांच करते नजर आए। आयातित सैटेलाइट फीट और भौगोलिक खुफ़िया जानकारी को देखकर इरान का कहना है कि इन बंकरों को ऑपरेशनल समझा जाए – जैसे एक ‘Missile City’।
यह वीडियो इसलिए भी समय पर आया है क्योंकि इजराइल ने 13-14 जून को प्रभावी एयरस्ट्राइक की, जिसमें Operation Rising Lion के तहत इरानी सैन्य नेतृत्व, मिसाइल और नाभिकीय ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस एयरस्ट्राइक में कई वरिष्ठ जनरल—जिनमें मेजर जनरल Mohammad Bagheri भी शामिल थे – की मौत हुई, और कई बेसों को भारी क्षति पहुंची। इनके जवाब में इरान ने 150 बैलिस्टिक मिसाइलों और 100 ड्रोन के साथ मिसाइल हमला शुरू किया, जिसे Operation True Promise III कहा गया।
इस उत्तेजित स्थिति में संयुक्त राष्ट्र महासचिव Antonio Guterres ने तेजी से शांतिपूर्ण कदम उठाने का अनुरोध किया है, जबकि Supreme Leader Ali Khamenei ने इजराइल को कड़ी प्रतिक्रिया देने की चेतावनी दी है।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि इरान-इजराइल तनाव सिर्फ क्षेत्रीय नहीं रहा – यह अब तकनीकी और कूटनीतिक मोर्चों पर एक खतरनाक प्रतिस्पर्धा बन चुका है। इजराइल को लगता है कि इरानी मिसाइल बेसों पर हमला करना प्रतिशोधी नेटवर्क को खत्म करने का रास्ता है, लेकिन इजरान के लिए ये बेस रणनीतिक ढाल का काम कर रहे हैं।
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