मनाली, हिमाचल प्रदेश में एक खतरनाक ज़िपलाइन हादसे में नागपुर की लड़की त्रिशा 30 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना देशभर में एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुरक्षा को लेकर चल रही बहस को एक बार फिर तेज कर रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और चश्मदीदों के अनुसार, ज़िपलाइन की केबल अचानक टूट गई जिससे त्रिशा का संतुलन बिगड़ा और वह नीचे गिर गई। गनीमत रही कि वह सीधे चट्टानों पर नहीं गिरी और झाड़ियों ने आंशिक रूप से गिरावट की रफ्तार को कम कर दिया।
यह घटना हिमाचल के टूरिज़्म सेक्टर के उस पक्ष को उजागर करती है, जिसमें सुरक्षा उपायों की भारी कमी देखी जाती है। एडवेंचर टूरिज्म जैसे ज़िपलाइनिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग आदि गतिविधियाँ बिना पर्याप्त सुरक्षा मानकों और प्रशिक्षित स्टाफ के संचालित की जा रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने 2022 में एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए 15 ज़रूरी सुरक्षा उपायों की सूची प्रकाशित की थी, जिसमें साफ कहा गया था कि पर्यटकों को किसी भी एक्टिविटी में हिस्सा लेने से पहले आयोजकों के लाइसेंस, उपकरणों की स्थिति और एमरजेंसी प्लान की जानकारी लेनी चाहिए। दुर्भाग्य से अधिकतर सैलानी इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं और ऑपरेटरों द्वारा दिए गए गारंटी वाले शब्दों पर ही भरोसा कर लेते हैं।
मनाली और आसपास के इलाकों में टूरिज़्म को बढ़ावा देने के नाम पर कई बार स्थानीय प्रशासन और ट्रैवल एजेंसियां बिना ज़रूरी अनुमति के भी ऐसे एडवेंचर प्रोग्राम चला देती हैं। डिस्कवर कुल्लू मनाली नामक एक ट्रैवल साइट ने 2020 में रिपोर्ट किया था कि इलाके में टूरिज़्म फ्रॉड्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसमें नकली गाइड, फर्जी बुकिंग और अधूरी सुरक्षा वाली एडवेंचर एक्टिविटीज़ शामिल हैं। ये सब घटनाएं बताती हैं कि एडवेंचर टूरिज्म को लेकर एक मजबूत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की सख्त जरूरत है।
त्रिशा के परिवार ने हादसे के बाद स्थानीय पुलिस और पर्यटन विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और ऑपरेटर की ज़िम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है जब ज़िपलाइन में तकनीकी खामी के कारण कोई बड़ा हादसा हुआ हो। कुछ महीने पहले भी एक पर्यटक का हेलमेट खराब होने से बाल-बाल जान बची थी।
भारत में एडवेंचर टूरिज्म एक तेजी से उभरता हुआ सेक्टर है, लेकिन इसमें सुरक्षा की अनदेखी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। ऐसे हादसों से न केवल देश की छवि को नुकसान पहुंचता है, बल्कि भविष्य में पर्यटकों का भरोसा भी डगमगाता है। इस घटना से सबक लेते हुए सरकार और टूरिज़्म विभाग को मिलकर एक सख्त और प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था लागू करनी चाहिए, जिसमें सभी ऑपरेटरों की समय-समय पर जांच हो और किसी भी तकनीकी खामी पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
मनाली जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल को सुरक्षित और पर्यटकों के लिए भरोसेमंद बनाना अब वक्त की मांग है, ताकि कोई और त्रिशा इस तरह की लापरवाही का शिकार न हो।
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