OpenAI O3-Pro: Gemini और Claude को पीछे छोड़ने वाला AI मॉडल, लेकिन Apple ने उठाए सवाल

OpenAI ने अपने नए मॉडल O3-Pro को ChatGPT में शामिल करके AI की दुनिया में हलचल मचा दी है। यह मॉडल reasoning, maths, science और coding जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। इसे हाल ही में Tech influencer Bishal Nandi ने ट्विटर पर हाइलाइट किया, जिसमें बताया गया कि O3-Pro ने AIME 2024 जैसे इंटर्नल टेस्ट में Gemini 2.5 Pro और Claude 4 Opus जैसे AI मॉडल्स को पछाड़ दिया है। ChatGPT के इस नए वर्जन की खासियत यह है कि यह पहले से कहीं अधिक तेज़, सटीक और समझदार है। यूज़र्स का कहना है कि यह लंबे सवालों के जवाबों को बेहतर तरीके से समझ और प्रस्तुत करता है।

10 जून 2025 को OpenAI के CEO Sam Altman ने X (पूर्व Twitter) पर यह ऐलान किया कि O3 मॉडल की कीमतों में 80% की बड़ी कटौती की जा रही है। इस कदम से सभी डेवलपर्स और स्टार्टअप्स के लिए एडवांस AI को इस्तेमाल करना सस्ता और सरल हो जाएगा। इससे पूरी AI इंडस्ट्री में बहस छिड़ गई है कि क्या इतना सस्ता और स्मार्ट AI, बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स के लिए खतरा बन सकता है? कई लोग इसे ‘AI के इतिहास का सबसे बड़ा democratisation’ कह रहे हैं, जहां cutting-edge टेक्नोलॉजी अब सिर्फ बड़े संस्थानों के पास नहीं रहेगी।

O3-Pro के बेंचमार्क टेस्ट्स में शानदार स्कोर ने सभी का ध्यान खींचा है। खासकर मैथ्स और लॉजिक बेस्ड क्वेश्चन में इसका प्रदर्शन बेहद दमदार रहा है। TechCrunch ने इसे आज तक का सबसे तेज़ reasoning AI बताया है, लेकिन साथ ही ये भी बताया कि इस समय temporary chats जैसी कुछ सुविधाएं सीमित की गई हैं। हालांकि इससे यूज़र एक्सपीरियंस पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। लोग इसे अधिक advanced GPT मान रहे हैं, जो सोचने-समझने की human जैसी क्षमता रखता है।

लेकिन दूसरी तरफ Apple की एक नई रिपोर्ट ने इस मॉडल की वास्तविक योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। Apple के अनुसार, AI मॉडल्स जैसे O3-Pro असल में reasoning नहीं करते, बल्कि वे train किए गए पैटर्न की कॉपी करते हैं। रिपोर्ट में उदाहरण दिया गया है 10-disc Tower of Hanoi puzzle का, जिसे O3-Pro ने पहली बार में हल कर दिया। रिसर्चर्स का दावा है कि यह कोई नई सोच नहीं बल्कि पहले से मेमोराइज़ किया हुआ उत्तर था। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या यह वास्तविक “बुद्धिमत्ता” है या सिर्फ तेज़ pattern-matching?

इस रिपोर्ट ने टेक इंडस्ट्री को दो भागों में बाँट दिया है। एक तरफ वे लोग हैं जो मानते हैं कि AI अब वाकई इंसानी सोच को छूने लगा है, और दूसरी तरफ वे लोग जो कहते हैं कि AI अभी भी असली समस्या को समझने और सोचने में असमर्थ है। OpenAI समर्थकों का कहना है कि चाहे O3-Pro ने पैटर्न से हल किया हो, लेकिन जिस तेजी और सटीकता से उसने समस्याएं हल कीं, वह अपने आप में एक बड़ी बात है।

इस पूरे घटनाक्रम का असर आने वाले AI टूल्स और स्टार्टअप्स पर जरूर पड़ेगा। OpenAI का यह कदम AI को mass adoption की ओर ले जा सकता है, जहां छोटे और मध्यम स्तर के डेवलपर्स भी cutting-edge टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके शानदार प्रोडक्ट्स बना सकेंगे। वहीं Apple की चेतावनी भी एक चेतावनी है कि हमें AI के आउटपुट पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए, खासकर अगर बात factual documentaries या sensitive data की हो।

फिलहाल O3-Pro ने AI की दुनिया में एक बड़ा बदलाव जरूर ला दिया है, लेकिन यह बदलाव कितना गहरा होगा, और क्या यह भरोसे के लायक है — इसका जवाब अगले कुछ महीनों में मिल सकेगा। दुनिया अब देख रही है कि क्या यह AI वाकई में इंसानों जैसे फैसले ले सकता है, या फिर यह भी बस एक और mathematical illusion है।

Akshay Barman

chalrahahai.com एक ऐसी वेबसाइट है जहाँ हम ज़िंदगी से जुड़ी बातें, कहानियाँ और अनुभव शेयर करते हैं। हमारा मकसद है लोगों को जानकारी देना, कुछ नया सिखाना और एक पॉज़िटिव सोच फैलाना।

View all posts by Akshay Barman

Leave a Comment