2025 के मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सीमित युद्ध अब एक नई बहस का कारण बन गया है। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने एक इंटरव्यू में पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि इस संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपने कुछ लड़ाकू विमान खोए। यह स्वीकारोक्ति @EnglandObserver द्वारा साझा एक वीडियो क्लिप में सामने आई, जिसने X (पूर्व ट्विटर) पर हलचल मचा दी। वीडियो में जनरल चौहान स्पष्ट रूप से कहते हैं, “हमने शुरुआती झड़पों में कुछ विमान जरूर खोए, लेकिन उसके बाद हमारी रणनीति तेज़ी से बदली और वायुसेना ने स्थिति को संभाल लिया।”
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ें 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले में हैं। हमले में 17 जवानों की जान जाने के बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया — एक सीमित लेकिन तीव्र सैन्य अभियान, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इस अभियान में भारतीय वायुसेना ने सटीक एयर स्ट्राइक कीं, लेकिन पाकिस्तानी एयरफोर्स ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जवाबी कार्रवाई की। इसी जवाबी कार्रवाई में हुई हवाई मुठभेड़ों के दौरान भारतीय वायुसेना को शुरुआती नुक़सान उठाना पड़ा, जिसकी अब आधिकारिक पुष्टि हुई है।
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पाकिस्तानी एयरफोर्स ने इस ऑपरेशन के दौरान अपने JF-17 और F-16 लड़ाकू विमानों को सक्रिय रूप से तैनात किया। X पर ट्रेंड कर रही रिपोर्ट्स के अनुसार, इन विमानों ने भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई के दौरान भारतीय विमानों को नुकसान पहुंचाया। हालांकि, भारत ने भी MICA और Meteor मिसाइलों से लैस राफेल विमानों का प्रभावी उपयोग किया और बाद की लड़ाइयों में रणनीतिक बढ़त हासिल की।
जनरल चौहान की यह स्वीकारोक्ति भारत में राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है। विपक्ष सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है — यह पूछते हुए कि क्यों पहले नुकसान की खबरों को खारिज किया गया? वहीं, सत्तारूढ़ पक्ष और कई रक्षा विशेषज्ञ इस बयान को “साहसिक पारदर्शिता” मानते हुए सेना की लचीलापन और रणनीतिक प्रतिक्रिया की सराहना कर रहे हैं। रक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार, यह पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान से हवाई संघर्ष में हुए नुकसान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है — और यह भारतीय सैन्य रणनीति में एक नये युग की शुरुआत हो सकती है।
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हालांकि जनरल चौहान ने सटीक संख्या नहीं बताई, लेकिन सूत्रों के अनुसार भारतीय वायुसेना को 2 से 3 विमान गंवाने पड़े। इनमें एक Su-30MKI और एक पुराने MiG-29 के शामिल होने की अटकलें हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्षों में हवाई ताकत अब निर्णायक भूमिका निभा रही है। 2025 के इस टकराव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य के युद्ध अब केवल ज़मीन पर नहीं, बल्कि हवा और तकनीक के ज़रिए लड़े जाएंगे। Pakistan Air Force Fighter Jets इस पूरे प्रकरण में चर्चा का मुख्य विषय बन गए हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देशों की वायुसेनाएं अपनी रणनीति कैसे बदलती हैं और क्या कोई दीर्घकालिक समाधान निकलता है या तनाव यूँ ही बढ़ता रहेगा।
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