JF‑17 Block‑III और ड्रोन से पाकिस्तान एयरफोर्स का नया चेहरा

पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) इन दिनों तीव्र आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है, जिसमें नए उन्नत विमान और स्वदेशी ड्रोन-सेल्फ-डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। हाल ही में चीन से उड़ान परीक्षण वाली J-35A स्टील्थ जेट की खरीद की खबर ने भारत और चीन-पाक सैन्य समीकरण को एक नई दिशा दी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि Pakistan ने 40 J-35A जेट्स खरीदने के लिए समझौता कर लिया है, जो F-35 जैसी क्षमताओं के साथ आते हैं, और इसे ऑर्गेनाइजेशनल इम्पैक्ट 12–14 साल तक सुरक्षित कर सकते हैं।

PAF की और एक बड़ी पहल UCAV स्कीम में है – YIHA‑III, Baykar और NASTP द्वारा विकसित लूटरिंग म्यूनिशन ड्रोन, अब सेवा में आ चुका है। इसे स्वार्म मोड में निशाना साधने और मिशन करने के लिए तैयार किया गया है। इसके साथ ही, PK-98 SR‑3D 3D AESA रडार आने वाले समय में खुद की हवाई चेतावनी क्षमता 80 किमी तक बढ़ाने में सक्षम होगा।

पाकिस्‍तान की रणनीति ड्रोन और स्टील्थ फ्लाइंग प्लेटफॉर्म्स को उभारना है- इसलिए Mirage और पुराने J-7 जैसे विमान धीरे-धीरे आउटडेट हो रहे हैं। PAF की योजना है कि 2030 तक पुराने फ्लीट का आधा हिस्सा रिटायर करके उन्हें J‑10C, J‑31/J‑35 और JF‑17 Block III जैसे एडवांस्ड एयरक्राफ्ट से बदल दें। JF‑17 Block‑III के साथ लाइव फाइटिंग डेमोंस्ट्रेशन में PAF ने ‘Spears of Victory‑2025’ अभ्यास में खुद को बैलेंस किया – जहां JF-17 ने नॉन-स्टॉप फ्लाइट व एयर-टु-एयर रिफ्यूलिंग के जरिए लंबी दूरी की उड़ान भरोसेमंद साबित की।

इस आधुनिकरण के पीछे रणनीतिक उद्देश्य स्पष्ट है – भारत समेत क्षेत्रीय ताकतों को चुनौती देना और चीनी आवेदन-आधारित हथियारों में निवेश को बढ़ावा देना। इस वित्तीय माहौल में पाकिस्तान अपनी आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है – लेकिन रक्षा बजट में लगभग 17–20% की वृद्धि कर दी गई है, अब यह लगभग $9 बिलियन है, जिसे IMF समर्थन और घरेलू कर राजस्व में तेजी से वृद्धि की मदद मिल रही है ।

सैन्य विश्लेषकों की नजर इस ओर भी है कि चीनी J‑35A और अन्य हाई-एंड सिस्टम्स रूस/पश्चिमी होते हुए भारतीय एयर डोमिनेंस को चुनौती दे सकते हैं, खासकर जब JF‑17 और J‑10C भी BVR मिसाइल और AESA रडारों से लैस हो चुके हैं।

क्षेत्रीय तनाव के बीच PAF की डिफेंस संरचना में बदलाव महत्वपूर्ण है। भारत-पाक ड्रोन युद्ध जैसे अप्रत्याशित परिदृश्यों (जैसे मई 2025) के बाद दोनों देशों ने अपनी UAV रणनीतियों को गंभीरता से फिर से तैयार किया है । वहीं पाकिस्तान बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यासों में सक्रिय भागीदारी भी कर रहा है—जैसे कि ‘Spears of Victory 2025’ में फ्रांस, यूके, अमेरिका और खाड़ी देशों के वायुसेनाओं के साथ इंटरऑपरेबिलिटी परिश्रम।

ड्रोन और ग्लाइडिंग मिसाइल सिस्टम के उपयोग से PAF का रडार-काउंटर रणनीति पर आधारित कवरेज बढ़ रहा है—आगामी SR‑3D रडार नेटवर्क को इसी दृष्टि से देखा जा सकता है। साथ ही AI और UCAV जैसे सिस्टम्में इंटीग्रेशन के कारण PAF की सर्च-एंड-डिनायल रणनीति और तेज हो चुकी है।

यह परिवर्तनशील परिदृश्य स्थायी रूप से पाकिस्तान को एक क्षेत्रीय वायु शक्ति के रूप में पुनः परिभाषित कर सकता है। हालांकि पूंजीगत खर्च, तकनीकी क्षमता और लॉजिस्टिक लचीलापन एक बड़ी चुनौती हैं, लेकिन नई रणनीतिक साझेदारियां और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में भागीदारी शुभ संकेत दे रहे हैं। इस सारे बदलाव को पाकिस्तानी एयर डोमीनेंस का नया अध्याय कहा जा सकता है – जो आने वाले वर्षों में साउथ एशिया के रक्षा भू-रणनीतिक समीकरणों को गहराई से प्रभावित कर सकता है।

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Akshay Barman

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