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चीन हमेशा से ही तकनीकी इनोवेशन के मामले में दुनिया से आगे रहा है। अब एक नया उदाहरण सामने आया है हांगझोउ (Hangzhou) शहर से, जहां एक पेट्रोल पंप पर इंसानों की जगह रोबोट फ्यूल अटेंडेंट तैनात किया गया है। यह रोबोट बिना किसी इंसानी मदद के खुद गाड़ियों को पेट्रोल भरता है।
यह तकनीक न सिर्फ तेज़ और सुरक्षित है, बल्कि भविष्य में पारंपरिक नौकरियों के लिए खतरे की घंटी भी हो सकती है।
क्या है यह रोबोट? कैसे करता है काम?
इस रोबोट का नाम है Yigoli Energy Arm, और इसे तैनात किया गया है Nanyang गैस स्टेशन पर। यह रोबोट बेहद स्मार्ट है:
- यह गाड़ी की फ्यूल टंकी का लोकेशन खुद पहचानता है
- टंकी का ढक्कन खोलता है
- फिर नोज़ल लगाकर पेट्रोल या डीज़ल भरता है
- और अंत में नोज़ल हटाकर ढक्कन बंद कर देता है
यह सारी प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटेड होती है और इंसान को एक बार भी बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ती।
तकनीक का बढ़ता इस्तेमाल या इंसानों के लिए खतरा?
इस नई सुविधा की घोषणा @Whizz_ai नामक X (पूर्व Twitter) हैंडल पर की गई, जिसके बाद यह खबर वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने इसे भविष्य की झलक बताया, जबकि कुछ ने चिंता जताई कि यह तकनीक धीरे-धीरे इंसानी नौकरियों को खत्म कर रही है।
MIT Sloan की एक रिपोर्ट (2020) के अनुसार, इंडस्ट्रियल रोबोट्स के बढ़ते प्रयोग से मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोटिव सेक्टर में लोगों की नौकरियां प्रभावित हुई हैं। इस रोबोट का पेट्रोल पंप पर आना इस दिशा में अगला कदम माना जा सकता है।
फायदे: सुरक्षा, स्पीड और स्मार्टनेस
हालांकि इस तकनीक के कई फायदे भी हैं:
- सुरक्षा: ज्वलनशील पदार्थों के कारण पेट्रोल पंप पर दुर्घटनाओं का खतरा होता है। रोबोट यह काम सटीकता से करता है।
- समय की बचत: रोबोट बहुत कम समय में पूरी प्रक्रिया कर देता है।
- कॉन्टैक्टलेस सेवा: कोरोना जैसे समय में यह तकनीक सुरक्षित है।
क्या वाकई छिन जाएंगी नौकरियां?
जहां कुछ लोग इसे क्रांतिकारी मानते हैं, वहीं कई लोगों का मानना है कि यह तकनीक धीरे-धीरे मानव श्रमिकों की जरूरत को खत्म कर देगी। पेट्रोल पंप जैसे सेक्टर्स में लाखों लोग कार्यरत हैं। यदि रोबोट्स ने इनकी जगह ले ली, तो बेरोज़गारी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
भारत जैसे देश जहां हाथों से काम करने वालों की संख्या ज़्यादा है, वहां अगर यह तकनीक आती है, तो सरकार को नए रोजगार के विकल्प भी तैयार करने होंगे।
क्या भारत में भी आएगा ऐसा रोबोट?
फिलहाल भारत में ऐसी तकनीक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऑटोमेशन की तरफ़ बढ़ता झुकाव देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि अगले कुछ वर्षों में भारत में भी इस तरह के AI आधारित फ्यूल स्टेशन देखने को मिल सकते हैं।
निष्कर्ष: तकनीक ज़रूरी है, लेकिन संतुलन भी
Yigoli Energy Arm रोबोट एक बेहतरीन उदाहरण है कि AI और रोबोटिक्स कितनी तेज़ी से रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बदल रहे हैं। हालांकि, हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि तकनीक के साथ-साथ इंसानी जरूरतें और रोजगार भी महत्वपूर्ण हैं।
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