एक्स (X) प्लेटफॉर्म पर Pranay Maheshwari नामक यूजर द्वारा पोस्ट किया गया एक वीडियो इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में रूस की ओर से एक मिसाइल लॉन्च करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में मिसाइल का पूरा लॉन्च प्रोसेस – यानी इग्निशन से लेकर उसके ऊपर की ओर उड़ान भरने तक – दिखाया गया है। पोस्ट के साथ यह दावा भी किया गया है कि रूस ने लगभग 250 न्यूक्लियर हथियार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों की ओर तैनात कर दिए हैं।
यह दावा सुनने में जितना बड़ा है, उतना ही चौंकाने वाला भी है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रूस के पास भले ही करीब 5,459 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हों, लेकिन ये जानकारी कहीं नहीं दी गई है कि वे किस-किस देश की ओर तैनात हैं। असलियत यह है कि न्यूक्लियर हथियारों की लोकेशन और टारगेटिंग डिटेल्स बेहद गोपनीय होती हैं और ऐसी जानकारी आमतौर पर पब्लिक में साझा नहीं की जाती।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने बीते कुछ सालों में पूरी दुनिया की राजनीति को प्रभावित किया है। रूस पहले भी कई बार यह इशारा कर चुका है कि अगर पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद करते हैं तो वह न्यूक्लियर कदम उठा सकता है। इस बार का वीडियो भी उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। यह एक तरह की “न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग” है, जिसका मकसद पश्चिमी देशों पर दबाव बनाना हो सकता है।
2023 से 2024 के बीच रूस की ओर से पश्चिमी देशों के खिलाफ गुप्त हमले और साइबर अटैक में करीब तीन गुना बढ़ोतरी देखी गई है। यह जानकारी अमेरिका के थिंक टैंक CSIS की रिपोर्ट में भी दी गई है। इन हमलों का मकसद सिर्फ तकनीकी नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि डर और भ्रम फैलाना भी है।
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस की ऐसी गतिविधियाँ, जैसे मिसाइल लॉन्च वीडियो या न्यूक्लियर हथियारों की धमकी, सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा है। अमेरिका की Middlebury Institute से जुड़े जेफ्री लुईस जैसे रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के कुछ हथियार तकनीकी रूप से उतने सटीक नहीं हैं जितना दावा किया जाता है और उनकी लागत भी बहुत ज्यादा होती है। यानी असल में ये हथियार ज्यादा काम के नहीं बल्कि दिखावे और धमकी के लिए इस्तेमाल होते हैं।
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दुनिया इस समय न्यूक्लियर तनाव के एक नाजुक दौर में है, लेकिन बड़ी ताकतें इस बात को समझती हैं कि किसी भी तरह की गलती से हालात और बिगड़ सकते हैं। इसलिए ऐसी सोशल मीडिया पोस्ट्स और वीडियो को देखकर घबराने की बजाय हमें विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी लेनी चाहिए और शांत रहना चाहिए।
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