Sam Altman का AI सपना: रियल टाइम वीडियो और डीप रीजनिंग से बदलेगा कंप्यूटर का चेहरा

Sam Altman, जो OpenAI के CEO हैं, उन्होंने हाल ही में एक X पोस्ट में अपने अगले AI विज़न का ज़िक्र किया। ये सिर्फ GPT-5 पर रुकने वाला नहीं है। उनका सपना है ऐसा AI तैयार करना जो न केवल गहराई से सोच सके बल्कि यूज़र के सवाल का जवाब रियल टाइम वीडियो में दे सके। इसका मतलब है कि आप टेक्स्ट या वॉइस में सवाल पूछें और जवाब वीडियो के रूप में सामने आए — एकदम नया कंप्यूटर इंटरफेस।

आज के समय में GPT‑4 और GPT‑4o जैसे मॉडल टेक्स्ट, इमेज और ऑडियो को एकसाथ प्रोसेस कर पा रहे हैं, लेकिन रियल टाइम वीडियो जनरेशन एक बिल्कुल नई छलांग होगी। Sam Altman का यह सपना सिर्फ कल्पना नहीं है, क्योंकि मार्केट में पहले से ही Elai.io जैसे टूल्स मौजूद हैं, जो टेक्स्ट को वीडियो में बदलने का काम कर रहे हैं। ये अभी बेसिक लेवल पर हैं, लेकिन यह दिखाते हैं कि Sam का सपना जमीन से जुड़ा हुआ है।

इस तरह के AI सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा होगा कि यह इंसानों के साथ बातचीत को और ज़्यादा स्वाभाविक बना देगा। मान लीजिए, आप किसी बच्चे को सौर मंडल के बारे में पढ़ा रहे हैं और बच्चा सवाल करता है, “धरती सूरज के चारों ओर कैसे घूमती है?” तो AI तुरंत एक एनिमेटेड वीडियो बनाकर जवाब देगा — बिना किसी एडिटिंग या स्क्रिप्टिंग के। यह शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।

इतना ही नहीं, यह तकनीक कंटेंट क्रिएशन, यूट्यूब, कोडिंग, डॉक्यूमेंट्री प्रोडक्शन और कस्टमर सपोर्ट जैसे क्षेत्रों में भी उपयोगी हो सकती है। OpenAI के पहले से मौजूद कोड जनरेटिंग टूल्स जैसे कि Copilot या GPT Engineer पहले ही दिखा चुके हैं कि AI कोडिंग में कितना सहायक हो सकता है। अब जब उसमें वीडियो आउटपुट भी जुड़ जाएगा, तो कोई भी इंसान टेक्स्ट में आइडिया लिखकर पूरा वीडियो तैयार कर सकेगा — और वो भी मिनटों में।

Anthropic के Claude 2.1 मॉडल ने हाल ही में दिखाया है कि बड़े मॉडल अब लंबे टेक्स्ट को समझने और कम गलतियाँ करने में भी सक्षम हो रहे हैं। इसका मतलब है कि AI की गहराई से सोचने की क्षमता लगातार बढ़ रही है। Sam Altman इसी दिशा में अगला कदम उठाना चाहते हैं — और वो सिर्फ text-based इंटरफेस नहीं, बल्कि visual-based और interactive इंटरफेस को AI में लाना चाहते हैं।

Sam Altman पहले ही कह चुके हैं कि उनका फोकस केवल language model तक सीमित नहीं है। उनका मकसद है ऐसा मॉडल बनाना जो रिसर्च कर सके, कोड कर सके, और एक ही समय में वीडियो भी बना सके। यानी आने वाले कुछ वर्षों में GPT-6 या किसी अन्य नाम से एक ऐसा AI आ सकता है जो इंसानों के साथ ज़्यादा इंसानी तरीके से संवाद कर सके।

इसका बड़ा सामाजिक प्रभाव भी होगा। जहां एक तरफ नौकरियों पर असर पड़ सकता है, वहीं दूसरी तरफ कई नए कामों के रास्ते भी खुलेंगे। ऐसे AI से हर कोई डिजिटल क्रिएटर बन सकता है — शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर या स्टूडेंट्स — सभी।

कुल मिलाकर Sam Altman का यह विज़न सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि इंसानी इंटरैक्शन को एक नए स्तर पर ले जाने वाला है। अगर ये सपना पूरा होता है, तो वो दिन दूर नहीं जब हम अपने कंप्यूटर से बात नहीं करेंगे, बल्कि उसके साथ एक इंटरैक्टिव विडियो बातचीत करेंगे।

Akshay Barman

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