रेगिस्तान में जीवन बचा रहे सऊदी अरब के सोलर लेजर बीकन, अब भटकना नहीं पानी के लिए

सऊदी अरब के अल नफुद रेगिस्तान में अब भटकना उतना जानलेवा नहीं रहा जितना पहले हुआ करता था। वहां पर लगाए गए solar-powered laser beacons ने अब कई लोगों की जान बचाई है। एक समय था जब लोग सिर्फ कुछ मीटर दूर पानी के कुएं से मर जाते थे क्योंकि उन्हें दिशा का अंदाज़ा नहीं होता था। लेकिन अब इस नई तकनीक ने रेगिस्तान में जीवन को थोड़ा आसान और सुरक्षित बना दिया है।

इन बीकन की सबसे खास बात यह है कि ये सोलर एनर्जी से चलते हैं, यानी इन्हें बिजली या किसी भारी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती। रात के समय ये लेजर बीम छोड़ते हैं जो दूर से दिखाई देते हैं और यात्रियों को पानी के स्रोत की ओर ले जाते हैं। यह तकनीक उन लोगों के लिए वरदान है जो रेगिस्तान में दिशा भटक जाते हैं, खासकर ऐसे इलाके जहां दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं होता।

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2020 के शुरुआती सालों में मशहूर सऊदी एक्सप्लोरर मोहम्मद फोहैद अल-सोहैमान ने की थी। इसके बाद इसे सऊदी अरब के Ministry of Environment, Water, and Agriculture ने अपने हाथ में लिया। ये पूरा काम Saudi Green Initiative का हिस्सा भी है, जो पर्यावरण और स्थायित्व पर आधारित कई बड़े बदलावों को आगे बढ़ा रहा है।

इन बीकन में कोई बहुत महंगी या खास तकनीक नहीं लगी है। यह आम लेजर ऑप्टिक्स और सोलर पैनल्स पर आधारित सिस्टम है। इन्हें कुछ विशेषज्ञ ठेकेदारों की मदद से लगाया गया है। सबसे अच्छी बात ये है कि इसे बहुत ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहता है।

यह तकनीक एक तरह से पुराने समय की रेगिस्तानी जीवनशैली का आधुनिक रूप है। पहले लोग तारों या रेतीले टीलों की दिशा देखकर रास्ता ढूंढते थे। अब उन्हीं दिशा-सूचक तरीकों को विज्ञान के सहारे और भी बेहतर बना दिया गया है। Reddit पर u/SPXQuantAlgo नामक यूजर ने इस विषय पर एक पोस्ट किया जो 4,700 से ज्यादा वोट्स के साथ वायरल हो गया। इससे पता चलता है कि दुनियाभर के लोग इस तकनीक को लेकर कितने उत्साहित हैं।

यह पहल सिर्फ तकनीकी या पर्यावरण से जुड़ी नहीं है, यह एक मानवीय जरूरत को समझते हुए बनाई गई है। जब कोई प्यास से मरता है जबकि पानी कुछ ही मीटर दूर हो, तो यह केवल एक मानवीय त्रासदी नहीं बल्कि तकनीकी विफलता भी मानी जाती है। Saudi Arabia ने इस समस्या को समझा और उसका समाधान विज्ञान की मदद से किया।

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यह तकनीक आने वाले समय में और भी देशों के रेगिस्तानी इलाकों में इस्तेमाल की जा सकती है। जैसे-जैसे तकनीक सस्ती होगी और अधिक सुलभ बनेगी, वैसे-वैसे यह और लोगों की जान बचाने में सहायक बनेगी। यह एक छोटा लेकिन बेहद जरूरी कदम है, जो दिखाता है कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल इंसान की जिंदगी को किस तरह बेहतर बना सकता है।

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Akshay Barman

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