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Elon Musk ने हाल ही में X पर किए एक पोस्ट में बताया कि SpaceX का Starship अब सिर्फ 6 महीनों में मंगल ग्रह तक पहुंच सकता है — वो भी तब, जब पृथ्वी और मंगल की सर्वोत्तम स्थिति (planetary alignment) हर 26 महीने में आती है।
एयरप्लेन स्पीड vs Starship स्पीड
@Rainmaker1973 के थ्रेड के अनुसार –
- अगर कोई मौजूदा कमर्शियल एयरप्लेन मंगल की यात्रा करे, तो उसे दशकों लग जाएंगे। लेकिन Starship यह दूरी 6 महीने में तय कर सकता है – यह एक ऐतिहासिक तकनीकी उपलब्धि है।
Starship की 9वीं टेस्ट फ्लाइट: 27 मई 2025
SpaceX लगातार Starship का परीक्षण कर रहा है, और 9वीं टेस्ट फ्लाइट अब 27 मई 2025 को होने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- तकनीक को और मजबूत बनाना
- फेल हुए पिछले मिशनों से सीख लेना
- FAA से जरूरी अनुमतियाँ पाना
- और अंततः मंगल के लिए ह्यूमन मिशन की तैयारी करना
SpaceX का मिशन: “Make Life Multiplanetary”
Elon Musk का मिशन है कि इंसान केवल पृथ्वी तक सीमित न रहे। SpaceX इसी उद्देश्य से:
- Mars Colonization की तैयारी कर रहा है
- Starship को इंटरप्लानेटरी ट्रैवल के लिए डिजाइन कर रहा है
- और अनुमान है कि 2029 या 2031 तक मानव मिशन मंगल के लिए रवाना हो सकता है
क्या हैं अब तक की चुनौतियाँ?
- पिछले टेस्ट फेल हुए हैं, जिससे सुधार की गुंजाइश है
- FAA की सख्त मंजूरी जरूरी है
- लॉन्च विंडो हर 26 महीने में सीमित होती है
- मंगल पर लैंडिंग और वापस लौटने की तकनीक पर अभी काम चल रहा है
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: क्या ये संभव है?
हालांकि तकनीकी रूप से Starship का Mars तक पहुँचना अब संभव लगता है, लेकिन –
- जीवन समर्थन प्रणाली (Life Support System)
- मंगल पर रेडिएशन सुरक्षा
- ईंधन भरने की तकनीक (Orbital Refueling)
- इन सब पर अभी और काम बाकी है।
निष्कर्ष: एक सपना, जो अब हकीकत बनता दिख रहा है
Elon Musk और SpaceX द्वारा उठाए जा रहे कदम साबित करते हैं कि मंगल ग्रह पर इंसान भेजना अब केवल सपना नहीं रहा। 27 मई 2025 की फ्लाइट और उसके परिणाम तय करेंगे कि क्या हम सच में 2030 के आसपास मंगल पर होंगे।
Jaankari Source – starship-spacex.fandom, wikipedia, space.com, bbc
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