Subhadra Yojana ओडिशा सरकार की महत्वाकांक्षी महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना है, जिसे 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया। इस योजना का उद्देश्य 21 से 60 वर्ष की आयु की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को पांच वर्षों में कुल ₹50,000 की सहायता प्रदान करना है – हर वर्ष दो समान किश्तों में ₹10,000, जो बिजली हस्तांतरण के माध्यम से सीधे उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में जमा होती है।
इस योजना में केवल ओडिशा की स्थायी निवासी महिलाओं को शामिल किया गया है, जिनका वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.5 लाख से कम है या जिनके पास एनएफएसए/एसएफएसएस कार्ड है। इस योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं का मासिक पेंशन ₹1,500 से अधिक हो, जो आयकरदाता हों, सरकारी कर्मचारी हों या जिनके परिवार में चार पहिया वाहन अथवा अत्यधिक जमीन हो – जिन्हें 5 एकड़ सिंचित या 10 एकड़ असिंचित भूमि, अवैलिड माना गया है।
लक्ष्य निर्धारित रूप से ओडिशा की 30 जिलों में लगभग 1 करोड़ महिलाओं को लाभान्वित करना है। प्रारंभिक चरण में 50 लाख से अधिक महिलाओं ने पंजीकरण कराया था और ₹1,250 करोड़ राशि पहले ही हस्तांतरित की जा चुकी है। स्कीम का कुल बजट ₹55,825 करोड़ रखा गया है और इसे 2029 तक लागू रहने की योजना है।
महिलाओं को “Subhadra Debit Card” भी प्रदान किया जाता है, जिससे डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन मिलता है। हर ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन करने वाली शीर्ष 100 महिलाओं को प्रति वर्ष अतिरिक्त ₹500 की कैश प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। दिनाक 1 जुलाई, 2024 तक 21 वर्ष की हो चुकी महिलाएं पात्र मानी गई हैं, और 1 जुलाई, 2003 के बाद जन्मी महिलाओं को बचे वर्ष के लिए लाभ मिलेगा।
आवेदन दोनों, ऑनलाइन और ऑफलाइन – के माध्यम से किया जा सकता है; ऑफलाइन आवेदन के लिए Anganwadi केंद्र, मो सेवा केंद्र, ब्लॉक कार्यालय और जन सेवा केंद्रों पर फॉर्म उपलब्ध हैं। ऑनलाइन आवेदन पोर्टल और ऐप पर आधार सहित बैंक खाता विवरणों भरकर किया जा सकता है, साथ ही e-KYC फेस ऑथेंटिकेशन के साथ प्रक्रिया पूरा होती है ।
Reddit पर उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ ने इसकी कार्यक्षमता पर सवाल उठाए –
“Unless there is audit of the expenditure, it won’t help in anyway… Else it’s simply pocket money given in lieu of a vote after 5 years.”
कुछ ने इसे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने वाला बताया –
“Smart lol” – एक महिला ने कहा कि उसने खुद यह राशि ₹5,000 स्टॉक मार्केट में निवेश कर दी।
वित्तीय प्रभाव को लेकर चिंताएं भी सामने आई हैं: Reddit पर एक उपयोगकर्ता ने कहा कि इस योजना के चलते Odisha का फिसकल डेफिसिट ₹50,000 करोड़ हो गया और योजनाओं के बीच प्राथमिकता असंतुलित हो सकती है।
हालांकि आलोचना के बीच इस योजना का असर भी दिखा – रवां बावर्ची गांव में “तीसरे चरण” के तहत ₹5,000 का वितरण हुआ, जिसमे 20 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचा। सरकार ने इसे ओडिशा में महिलाओं को सम्मान देने की संस्कृति का हिस्सा बताया ।
सरकार का दावा है कि यह योजना आर्थिक उन्नति के साथ-साथ डिजिटल साक्षरता और महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों और स्वरोजगार में शामिल करने का माध्यम बनेगी। ₹500 का डिजिटल ट्रांजैक्शन प्रोत्साहन इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।
हालांकि कुछ आलोचक इसे ‘cash for votes‘ स्कीम बताते हैं, प्रोत्साहन और डिजिटलीकरण जोड़ने की पहल इसे अधिक व्यापक महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम बना रही है। आवेदन प्रक्रिया सरल रखने और e-KYC के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं।
Read Also