यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। X पोस्ट के ज़रिए एलेक्स जोन्स ने यह कहा है कि नाटो द्वारा समर्थित यूक्रेनी सैनिकों को रूसी ड्रोन वीडियो में अपने ही साथियों को मारते हुए दिखाया गया है। यह घटना यूक्रेन के पोकरोवस्क सेक्टर की बताई जा रही है और इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
वीडियो में दावा किया गया है कि यूक्रेन की 68वीं जैगर ब्रिगेड के कुछ सैनिकों ने तीन अन्य सैनिकों को गोली मार दी, क्योंकि वो “डिज़र्ट” यानी भागने की कोशिश कर रहे थे। इस वीडियो में थर्मल इमेजिंग कैमरा का इस्तेमाल हुआ है, जिसमें सैनिकों के शरीर की गर्मी से बनती छवि दिखाई देती है। यूक्रेनी झंडे वाले पैच और ब्रिगेड की वर्दी से यह पहचान होने का दावा किया गया है कि ये उसी यूनिट के सैनिक हैं।
यह वही ब्रिगेड है जिसे 2022 में ओलेक्सा डोवबुश के नाम पर बनाया गया था, और जिसने जून 2023 में ब्लाहोदात्ने नाम की जगह को आज़ाद कराने में भूमिका निभाई थी। इस ब्रिगेड को पहाड़ी और कठिन इलाकों में ऑपरेशन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। लेकिन अब इस पर ऐसे आरोप लगना यूक्रेनी सेना की आंतरिक स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
रूस और यूक्रेन की इस जंग में यह पहली बार नहीं है जब यूक्रेनी सेना के भीतर अनुशासन और मनोबल की कमी की खबरें आई हों। जनवरी 2025 में न्यूज़वीक ने रिपोर्ट किया था कि एक ब्रिगेड के 1700 से ज़्यादा सैनिक युद्ध से पहले ही भाग गए थे, और 50 से अधिक सैनिक फ्रांस में ट्रेनिंग के दौरान ही डिफेक्शन कर चुके हैं।
हालांकि इस वीडियो की सच्चाई पर विवाद है। कई पत्रकारों और विशेषज्ञों जैसे पेक्का कैलियोनिएमी और SK मीडिया ने इस पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ऐसे वीडियो आसानी से एडिट किए जा सकते हैं और इसके पीछे रूस की “प्रोपेगेंडा वॉर” भी हो सकती है। फिर भी, अगर यह वीडियो असली है तो यूक्रेनी सेना के लिए यह बहुत बड़ा संकट है।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पोकरोवस्क में रूस की तरफ से बड़ा आक्रमण चल रहा है। दिसंबर 2024 तक रूस ने शेवचेंको इलाका भी अपने कब्जे में ले लिया है। इस क्षेत्र में लगातार लड़ाई हो रही है और यूक्रेनी सेना को भारी नुकसान हो रहा है। 155वीं मैकेनाइज़्ड ब्रिगेड जैसी यूनिट्स में संगठनात्मक समस्याएं और हताहतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि यूक्रेनी सेना न केवल बाहरी हमलों से जूझ रही है, बल्कि आंतरिक संकट का भी सामना कर रही है। अगर सैनिकों के बीच विश्वास की कमी और मनोबल में गिरावट जारी रही, तो इससे युद्ध में उनका प्रदर्शन और भी कमजोर हो सकता है।
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इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि बेहद ज़रूरी है। क्योंकि अगर यह सच है, तो यह सिर्फ यूक्रेन के लिए ही नहीं, पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है, खासकर उन देशों के लिए जो यूक्रेन को समर्थन दे रहे हैं।
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